आईवीएफ का अर्थ (In vitro fertilization)
IVF यानि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, बांझपन के इलाज का एक चैन है, इसे आम बोलचाल में टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं।
ये प्राकृतिक रूप से गर्भधारण में विफल दम्पतियों के लिए गर्भधारण का सफल माध्यम बन सकता है।
IVF क्या होता है और कैसे होता है?
दूसरे शब्दों में कहे तो, IVF ट्रीटमेंट स्त्री के ऐग और पुरुष के स्पर्म को लैब में फर्टिलाइज करके भ्रूण का निमार्ण किया जाता है।
उसके बाद उस भ्रूण को वापस महिला के गर्भाशय में स्थानांतरिक दिया जाता है। इसे IVF कहते हैं।
IVF में खर्च कितना होता है?
भारत में सामान्यतः IVF खर्च में 65,000 से 95,000 रुपए तक लागत आती है जबकि अफोर्डेबल आईवीएफ तकनीक से प्रजनन की कीमत 40,000 रुपए तक होती है।
आमतौर पर सामान्य आईवीएफ में 10 से 12 अंडों का निर्माण किया जाता है जबकि अफोर्डेबल आईवीएफ में तीन से चार अंडों का निर्माण करते हैं।
IVF कब किया जाता है?
महिला के स्वयं के अंडों से IVF ट्रीटमेंट प्राप्त करने की औसत उम्र 36 वर्ष है, दूसरों के अंडों के उपयोग से ट्रीटमेंट प्राप्त करने की औसत उम्र लगभग 41 है।
अगर महिला की उम्र 40 या 45 के ऊपर है तो एक नौजवान महिला के अंडे लेने की सलाह दी जाती है। इस उम्र में महिला के अंडे अच्छे से निषेचित नहीं हो पाते हैं।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जिसमें कई प्रक्रियाएं शामिल हैं।
इस उपचार की मदद से महिला कृत्रिम गर्भधारण कर पाती है।
इसमें महिला के ओवेरी (अंडाशय) से मैच्योर (परिपक्व) अंडे निकाले जाते हैं और लैब में स्पर्म की मदद से उर्वरित (fertilize) किए जाते हैं।
उर्वरित हो चुके अंडों (एम्ब्र्यो) में से सबसे स्वस्थ अंडे को महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है।
कई बार IVF चैन की पूरी प्रक्रियाओं को अलग-अलग किया जाता है जिससे अधिक समय लग सकता है।
IVF का सहारा तब लिया जाता है जब किसी कारण वश महिला प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण न कर पा रही हो।
हालांकि, इस कृत्रिम प्रक्रिया की अच्छी सफलता दर के इए एक उम्र निर्धारित है और उसी उम्र तक ही IVF ट्रीटमेंट किया जा सकता है।
IVF की प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
सामान्य रूप से IVF की एक साइकिल 6-8 हफ़्तों के भीतर हो जाती है। अगर किसी प्रक्रिया के दौरान महिला का स्वास्थ्य बिगड़ता है तो प्रक्रिया लंबी जा सकती है।
इसके अलावा अगर उपचार सफल नहीं हुआ तो इसे दोबारा से किया जाता है, जिसमें अधिक समय लगता है।
आईवीएफ के लिए सही उम्र क्या है?
ICMR के मुताबिक़ इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के लिए महिला की आयु 45 वर्ष और पुरुष की आयु 50 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
पढ़ें- आईवीएफ(IVF) की पूरी प्रक्रिया
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक़ गर्भ धारण करने वाली महिला पूरी तरह से स्वस्थ होनी चाहिए
और उसके जननांग तथा गर्भाशय भी स्वस्थ होना चाहिए। यह पता करने के लिए कुछ टेस्ट निर्धारित किए गए हैं
जैसे मनोवैज्ञानिक परीक्षण, शारीरिक परीक्षण और हिस्टेरोस्लिंगोग्राफी।
महिला के स्वयं के अंडों से आईवीएफ ट्रीटमेंट प्राप्त करने की औसत उम्र 36 वर्ष है, दूसरों के अंडों के उपयोग से ट्रीटमेंट प्राप्त करने की औसत उम्र लगभग 41 है।
अगर महिला की उम्र 40 या 45 के ऊपर है तो एक नौजवान महिला के अंडे लेने की सलाह दी जाती है। इस उम्र में महिला के अंडे अच्छे से निषेचित नहीं हो पाते हैं।
अगर महिला की उम्र 20-30 वर्ष के बीच में है तो उसे गर्भ धारण में आसानी होगी।
आईवीएफ के दुष्प्रभाव क्या हैं?
हो सकता है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने के दौरान आपका थोड़ा-सा वजन बढ़ जाए। हार्मोन इंजेक्शन का असर वजन और भूख पर पड़ सकता है।
इसके अलावा ओवरी में कितने एग डेवलप हो रहे हैं या ओवरी में माइल्ड हाइपरस्टिमुलेशन के आधार पर आपको पेट फूलने की प्रॉब्लम हो सकती है।
आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिलाओं को एचसीजी इंजेक्शन दिए जाते हैं,
जिसके कारण उन्हें चिड़चिड़ापन, ब्रेस्ट को छूने पर दर्द, गर्मी लगने, सिरदर्द, मतली और आंखों से धुंधला दिखाई देने की शिकायत हो सकती है।